मौनी अमावस्या पर घर में ही इस विधि से करें स्नान, अमृत स्नान जैसा मिलेगा लाभ, नोट करें शुभ मुहूर्त

 

मौनी अमावस्या 2025 एक अत्यंत शुभ तिथि है, जिसमें मौन व्रत, स्नान और दान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन यदि आप किसी कारणवश तीर्थस्थलों तक नहीं जा सकते, तो आप घर में ही अमृत स्नान कर सकते हैं और त्रिवेणी संगम गंगाजल का उपयोग कर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस विशेष दिन का महत्व, स्नान की विधि और अमृत स्नान शुभ मुहूर्त।

मौनी अमावस्या 2025 का महत्व

मौनी अमावस्या को आध्यात्मिक जागरण और आत्मशुद्धि का दिन माना जाता है। इस दिन:

  • गंगा स्नान से जीवन के पापों का नाश होता है।

  • मौन व्रत धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।

  • दान और पूजा करने से कुंडली के दोष समाप्त होते हैं और पुण्य प्राप्त होता है।

  • पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।

यह भी पढ़ें: मौनी अमावस्या 2025: जानें तिथि, महत्व, स्नान-दान, तर्पण का समय

मौनी अमावस्या 2025 पर अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त

मौनी अमावस्या 2025 पर अमृत स्नान शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: 28 जनवरी 2025, शाम 07:35 बजे

  • अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी 2025, शाम 06:05 बजे

  • अमृत स्नान का श्रेष्ठ समय: पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र और उत्तराषाढा नक्षत्र में गंगा स्नान करना शुभ रहेगा। उत्तराषाढा – 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक है।

इस दौरान स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है और सभी पापों का नाश करता है।

घर में अमृत स्नान की विधि

यदि आप किसी कारणवश तीर्थस्थल नहीं जा सकते, तो घर पर ही त्रिवेणी संगम गंगाजल से अमृत स्नान कर सकते हैं।

स्नान की विधि:

  1. गंगाजल, तुलसी पत्र, काले तिल और दूध को स्नान जल में मिलाएं।

  2. गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

  3. उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्नान करें और गंगा मैया का ध्यान करें।

  4. स्नान के बाद पीपल या तुलसी को जल अर्पित करें।

  5. स्नान के बाद पितरों को तर्पण दें और भगवान विष्णु की पूजा करें।

साथ ही आप इस दिन पर इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं –

विष्णु जी के मंत्र –

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

  • ॐ नमो नारायणाय

  • ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्

  • शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं, वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्


शिव जी के मंत्र –

  • ॐ नमः शिवाय

  • ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

त्रिवेणी संगम गंगाजल का महत्व

त्रिवेणी संगम गंगाजल में स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, जहां पर किया गया स्नान सौगुना पुण्य देता है। यदि आप वहां नहीं जा सकते, तो घर पर ही त्रिवेणी संगम गंगाजल मंगवाकर स्नान कर सकते हैं

त्रिवेणी संगम गंगाजल मंगवाने के लिए यहाँ क्लिक करें

मौनी अमावस्या पर अन्य शुभ कार्य

  1. दान-पुण्य करें – इस दिन अन्न, वस्त्र, तिल, और घी का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  2. भगवान शिव और विष्णु की आराधना करें – शिवलिंग पर जल अर्पण करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

  3. पितरों का तर्पण करें – पितरों के निमित्त तर्पण करने से कुल की उन्नति होती है।

  4. गरीबों और साधु-संतों की सेवा करें – इससे विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  5. मंत्र जाप करें – महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, और विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।

अमृत स्नान करने से मिलने वाले लाभ

  1. पितृ दोष से मुक्ति – इस दिन स्नान करने से पितृ दोष और कालसर्प दोष समाप्त होते हैं।

  2. सौभाग्य की प्राप्ति – महिलाओं के लिए विशेष रूप से यह स्नान सौभाग्यवर्धक होता है।

  3. आध्यात्मिक उन्नति – यह दिन ध्यान और साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

  4. ग्रह दोष शांति – इस दिन किए गए उपायों से राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।

  5. मोक्ष प्राप्ति – त्रिवेणी संगम गंगाजल से स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं।

निष्कर्ष

यदि आप मौनी अमावस्या 2025 पर किसी तीर्थ स्थान पर स्नान नहीं कर सकते, तो घर में ही अमृत स्नान करें और त्रिवेणी संगम गंगाजल का उपयोग कर पुण्य लाभ प्राप्त करें। इस दिन किए गए शुभ कार्य विशेष फलदायी होते हैं।

त्रिवेणी संगम गंगाजल और अन्य पूजन सामग्री के लिए यहाँ क्लिक करें


With Reference To AstroLive

Comments

Popular posts from this blog

Best Wedding Dates 2025: Astrology Insights

Unlocking Destiny’s Signal: The True Meaning of Angel Time 1111

The Astrological Significance of Mahakumbh Rahu Ketu Peeda Shanti Puja | Puja Details, Timings, and Online Booking