Choghadiya Muhurat: The Subtle Science of Time Selection in Vedic Astrology

 

भारतीय संस्कृति में, कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है। यह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है जो ‘चोघड़िया’ के सिद्धांत पर आधारित है। चोघड़िया एक वैदिक प्रणाली है जो दिन और रात को विशिष्ट समय खंडों में विभाजित करके यह तय करती है कि कौन-सा समय कार्य के लिए अनुकूल है और कौन-सा नहीं।

चोघड़िया का अर्थ और संरचना

'चोघड़िया मुहूर्त' शब्द दो भागों से मिलकर बना है – 'चौ' (चार) और 'घड़ी' (समय की एक इकाई)। एक चोघड़िया मुहूर्त लगभग 96 मिनट का होता है और पूरे दिन में कुल 16 चोघड़िया होते हैं: 8 दिन के समय में और 8 रात्रि के समय में। यह मुहूर्त प्रणाली वैदिक ज्योतिष में शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए उपयोग की जाती है।


हर चोघड़िया का संबंध एक विशेष ग्रह से होता है, और वही ग्रह उस समय की ऊर्जा और प्रभाव को निर्धारित करता है। कुछ समय अत्यंत शुभ माने जाते हैं, जबकि कुछ समय में कोई भी नया कार्य आरंभ करना टालना चाहिए।

चोघड़िया के प्रमुख प्रकार और उनके प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में सात प्रकार के चोघड़िया होते हैं, जिनमें से कुछ शुभ होते हैं, कुछ सामान्य और कुछ अशुभ:

  • अमृत – सबसे शुभ, सफलता और सुख का सूचक (चंद्रमा से प्रभावित)

  • शुभ – ज्ञान, समृद्धि और उन्नति के लिए (बृहस्पति से प्रभावित)

  • लाभ – व्यापार व समझौतों में लाभदायक (बुध से प्रभावित)

  • चर – यात्रा और सामान्य कार्यों के लिए ठीक (शुक्र से प्रभावित)

  • रोग – स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का संकेत (मंगल से प्रभावित)

  • काल – बाधाओं और देरी की संभावना (शनि से प्रभावित)

  • उद्वेग – बेचैनी और तनाव को दर्शाने वाला (सूर्य से प्रभावित)

कैसे करें चोघड़िया की सही गणना?

चोघड़िया-मुहूर्त-वैदिक-ज्योतिष-में-समय -चयन-की-गूढ़-विद्या

चोघड़िया की सटीकता सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पर निर्भर करती है। एक दिन के समय को सूर्योदय से सूर्यास्त तक और रात के समय को सूर्यास्त से अगले सूर्योदय तक माना जाता है। इन दोनों हिस्सों को बराबर 8 भागों में विभाजित करके चोघड़िया बनाए जाते हैं।

इसमें हर खंड का समय, ग्रह के अनुसार शुभ या अशुभ होता है। आप अपनी गतिविधि के अनुसार सही चोघड़िया का चुनाव कर सकते हैं – जैसे विवाह के लिए अमृत या शुभ, यात्रा के लिए चर, और व्यापारिक निर्णयों के लिए लाभ।

आधुनिक युग में चोघड़िया का उपयोग

आज के डिजिटल युग में आप ऑनलाइन चोघड़िया कैलकुलेटर जैसे टूल्स की मदद से आसानी से यह जान सकते हैं कि किसी खास दिन पर कौन-सा समय शुभ है। इससे निर्णय लेना और भी आसान हो गया है।

कब-कब किया जाता है चोघड़िया का उपयोग?

  • विवाह मुहूर्त तय करने में

  • नए घर में प्रवेश से पहले

  • नया व्यापार शुरू करने में

  • पूजा या धार्मिक अनुष्ठान के समय

  • महत्वपूर्ण यात्राओं से पहले

  • शल्य चिकित्सा या स्वास्थ्य से जुड़ी प्रक्रियाओं के लिए भी कुछ लोग इसे देखते हैं

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निष्कर्ष:

चोघड़िया मुहूर्त' शब्द दो भागों से मिलकर बना है – 'चौ' (चार) और 'घड़ी' (समय की एक इकाई)। एक चोघड़िया मुहूर्त लगभग 96 मिनट का होता है और पूरे दिन में कुल 16 चोघड़िया होते हैं: 8 दिन के समय में और 8 रात्रि के समय में। चोघड़िया मुहूर्त का उपयोग वैदिक ज्योतिष में इस उद्देश्य से किया जाता है कि कौन सा समय कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ या अशुभ माना जाता है। यह प्रणाली प्राचीन काल से ही लोगों को सही समय पर निर्णय लेने में मार्गदर्शन करती आई है।


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